Hua Hai Ram Ka Kaaj
2025 • U • 2 min • Lord Ram
Overview
आनंदप्रज्ञा की लेखनी से जन्मी यह कविता प्रभु श्रीराम के धर्म, करुणा और आदर्शों का दिव्य स्मरण है। इस रचना में रामावतार के उस पावन भाव को महसूस किया जा सकता है जहाँ धर्म अपने आप प्रकाश बनकर खड़ा होता है, और अन्याय स्वयं झुक जाता है। सरयू के तट, अयोध्या की पवित्रता और प्रभु राम की चरण-धूलि यह कविता इन्हीं क्षणों की अनुभूति को आपकी आत्मा तक पहुँचाती है। शांति, भक्ति और मन के स्थिर होने के लिए इस काव्य को अवश्य सुनें।
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